Home » Entertainment » Gyaarah Gyaarah Review: 2024 में बैठे दर्शकों को भी 90s के दशक में पहुंचा देगी कहानी, अच्छी टाइम पास Entertainer है Series

Gyaarah Gyaarah Review: 2024 में बैठे दर्शकों को भी 90s के दशक में पहुंचा देगी कहानी, अच्छी टाइम पास Entertainer है Series

Gyaarah Gyaarah Review

Gyaarah Gyaarah Review: ‘किल’ की भारी भरकम सक्सेस के बाद राघव जुयाल एक बार फिर अपनी एक्टिंग से सबको इंप्रेस करने आ गए हैं. टाइम, ट्रैवलिंग, क्राइम और थ्रिलर के साथ ‘ग्यारह ग्यारह’ वेब सीरीज सबको अतीत और वर्तमान के फेरे में फंसाने आ गई है.

Zee5 पर 9 अगस्त 2024 से स्ट्रीम हो रही ये सीरीज कोरियन ड्रामा ‘Signal’ का हिंदी वर्जन है. ‘ग्यारह-ग्यारह’ बनाने के पीछे लगता है मेकर्स का ये सोचना है कि जिस तरह भारत में लोग कोरियन ड्रामा देखना पसंद करते हैं वैसे ही लोग इस सीरीज को भी प्यार देंगे.

कहानी
‘ग्यारह-ग्यारह’ सीरीज यूं तो क्राइम-थ्रिलर सीरीज बताई जा रही है लेकिन इसमें टाइम ट्रैवलिंग से लेकर रोमांस सबका तड़का देखने को मिलेगा. कहानी पुलिस अफसरों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आ रही है. 2016 के पुलिस अफसर कैसे घड़ी में 11:11 बजते ही 90 के दशक के पुलिस अफसर से कनेक्ट हो जाते हैं, ये दिखाया गया है. साथ ही कैसे वो 90 के दशक के मर्डर केसिस सॉल्व कर रहे हैं ये देखना काफी दिलचस्प है.

राघव जुयाल और कृतिका कामरा को 90 के दशक के पुलिस अफसर धैर्य कामरा से बात करते हुए दिखाया गया है. एक दूसरे से बात करके ये लोग कई पुराने केस सॉल्व करते हैं जिनकी इन्वेस्टिगेशन रोकने के ऑर्डर कोर्ट की तरफ से आने वाले होते हैं. वहीं ये लोग कई चीजों को वर्तमान में बदल भी देते हैं. ऐसे ही पुलिस की इस टीम को एक के बाद एक केस सॉल्व करते हुए दिखाया गया है.

कैसी है वेब सीरीज?
कुछ अलग कॉन्सेप्ट के साथ उमेश बिष्ट की ये सीरीज इसे बाकी क्राइम-थ्रिलर से अलग दिखती है. जो लोग टाइम ट्रैवल, साइंस-फिक्शन को मानते हैं, उन्हें ये सीरीज अच्छी लग सकती है. हालांकि जिन्हें इस सबके बारे में कोई अंदाजा नहीं है उनके लिए इस सीरीज को शुरुआत में समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. कहानी में जो क्राइम केस दिखाए गए हैं वो आसानी से सॉल्व होने वाले केस हैं. इसके अलावा पास्ट और प्रेजेंट में बात कर पाना काफी आम दिखाया गया है. मतलब ड्रामा की थोड़ी कमी आपको महसूस होती है. शुरुआत के 4 एपिसोड स्लो लगते हैं उसके बाद कहानी थोड़ी दिलचस्प होती है.

एक्टिंग
राघव जुयाल सीरीज में 2016 के अफसर ‘युग आर्या’ के रोल में दिखाई दिए हैं और उनके साथ-साथ कृतिका कामरा 2016 की अफसर ‘वामिका रावत’ के और धैर्य करवा 90 के दशक के ऑफिसर ‘शौर्य अंठवाल’ के रोल में नजर आए हैं. एक्टिंग की बात करें तो राघव जुयाल ने इस बार भी शानदार काम किया है. वहीं पुलिस अफसर के रोल में कृतिका कामरा भी खूब जमीं हैं. बात अगर धैर्य करना की करें तो वो 90 के दशक के अच्छे पुलिस अफसर लग रहे हैं लेकिन जहां इमोशनल सीन्स की बात आती है वहां वो एक्टिंग में मात खाते दिखाई दे रहे हैं.

डायरेक्शन
‘ग्यारह ग्यारह’ का डायरेक्शन उमेश बिष्ट ने किया है. उन्होंने 2021 में आई सान्या मल्होत्रा की फिल्म ‘पगलेट’ भी डायरेक्ट की थी. इस बार ‘ग्यारह ग्यारह में डायरेक्शन अच्छा है लेकिन कहानी थोड़ी स्लो चलती नजर आ रही है. सीरीज का सेटअप डार्क टोन में रखा गया है जिससे क्राइम और थ्रिलर पर ध्यान बना रहे.

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