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इंश्योरेंस पॉलिसी कैंसिल कराने के नाम पर महिला को लगाया 25 लाख का चूना, कैसे हुईं ठगी की शिकार?

Delhi Police Cyber Fraud Arrested: दिल्ली के आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर थाने की पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जो इंश्योरेंस पॉलिसी कैंसिल कराने का झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था. इस मामले में गिरफ्तार आरोपी की पहचान विकास (31) के रूप में हुई है. यह नरेला के स्वतंत्रता नगर का रहने वाला है. इसके कब्जे से पुलिस ने 4.17 लाख रुपये कैश, 01 कार, 01 इलेक्ट्रिक स्कूटी, सोने के कई आभूषण और 05 मोबाइल/लैपटॉप बरामद किया है.

डीसीपी रवि कुमार सिंह ने बताया कि नेशनल क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से साइबर थाने को नरेला के स्वतंत्रता नगर की रहने वाली एक महिला से ठगी की शिकायत मिली थी. जिसमें महिला शिकायतकर्ता ने बताया कि, वर्ष 2022-23 में आईसीआईसीआई बैंक के एक एजेंट द्वारा फर्जी नियम एवं शर्तों को बता कर 5 बीमा पॉलिसी बेच गयी थी.

हालांकि, बाद में उन्हें उन बीमा पॉलिसी की वास्तविक नियम एवं शर्तों का पता चला और किसी तरह उन्होंने दो बीमा पॉलिसी को रद्द कराया. जब वे बाकी तीन बीमा को रद्द करावने के प्रयास में थी उसी दौरान उन्हें बीमा को रद्द कराने से सम्बंधित फर्जी फोन कॉल आने लगे.

 

बीमा लोकपाल अधिकारी बताकर ठगे 25 लाख
फोन करने वाले ने खुद को बीमा लोकपाल अधिकारी बताया और बीमा रद्दीकरण का झांसा देकर उनसे 20-25 लाख रुपये ठग लिए. महिला की शिकायत के आधार पर ठगी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी ऑपरेशन यशपाल सिंह की देखरेख में एसएचओ रमन कुमार सिंह, एसआई तस्वीर माथुर, हेड कॉन्स्टेबल अजय चिक्कारा, पवन चिक्कारा, रमन, मंदीप और सौभाग्यवती की टीम का गठन किया गया.

लोकेशन ट्रेस कर छापेमारी
शुरुआती जांच से पता चला कि आरोपी ने बहुत ही पेशेवर और व्यवस्थित तरीके से पीड़िता के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. जांच के दौरान टीम ने कथित फोन नंबरों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जानकारी हासिल की और विभिन्न स्रोतों से अन्य तकनीकी विवरण भी प्राप्त किए. जिसकी सहायता से पुलिस को आरोपी की लोकेशन लगातार स्वतंत्र नगर में ही होने का पता चला. जिस पर एसएचओ साइबर पुलिस के नेतृत्व में एक टीम ने संदिग्ध जगहों पर छापेमारी की और आरोपी विकास को दबोच लिया.

ऐसे दिया ठगी की वारदात को अंजाम
आरोपी ने शिकायतकर्ता को कॉल करने के लिए 3 नकली सिम कार्ड का इस्तेमाल किया. उसने खुद को बीमा लोकपाल कार्यालय का अधिकारी बताया और उसकी बीमा पॉलिसी रद्द या सेटल करवाने में उसकी मदद की बात कही. आरोपी ने शिकायतकर्ता से उसके नाम पर 4 नए खाते खोलने और उसके खाते में ही राशि जमा करने को कहा. उसने शिकायतकर्ता से सीधे ओटीपी प्राप्त करने के लिए अपना (नकली) मोबाइल नंबर बैंक से लिंक करने को कहा.

इसके अलावा उसने पॉलिसियों को रद्द करने के लिए एटीएम कार्ड की आवश्यकता बताते हुए उन्हें झांसे में लेकर एटीएम कार्ड भी हासिल कर ताकि वह एटीएम से कैश निकाल सके. उसी इलाके का निवासी होने के कारण वह शिकायतकर्ता की हरकतों से अच्छी तरह वाकिफ था. वह केवल व्हाट्सएप के जरिए महिला शिकायतकर्ता से संपर्क करता था और कॉल के बाद डिवाइस को बंद कर देता था, ताकि उसका पता न चल सके. वह पिछले 6 महीनों से इस तरह से ठगी कर रहा था.

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