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दिल्ली में तय समय से पहले होंगे विधानसभा चुनाव? समझें इस सवाल के पीछे की सियासत

दिल्ली

Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनावों को जल्दी कराए जाने की सुगबुगाहट तेज हो गयी है. सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग ने वोटिंग लिस्ट रिवीजन की तैयारियां शुरू कर दी है. वोटिंग लिस्ट रिवाइज करने की प्रकिया सितंबर से शुरू हो जायेगी. तय समय से पहले चुनाव की आहट देख आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी के कहने पर चुनाव जल्द कराने की तैयारी चल रही है. बीजेपी को आप मुखिया अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने का डर सता रहा है. बीजेपी नहीं चाहती कि आम आदमी पार्टी को चुनाव की तैयारी का पर्याप्त समय मिले. इसके बावजूद आम आदमी पार्टी चुनाव के लिये तैयार है.

1 सितंबर से आम आदमी पार्टी ‘आपका विधायक-आपके द्वार’ अभियान शुरू करने जा रही है. मनीष सिसोदिया लगातार विधायक और पार्षदों के साथ बैठक कर रणनीति तैयार कर रहे हैं. रोज़ाना एक विधानसभा में पदयात्रा के जरिये मनीष सिसोदिया चुनावी ताल ठोक चुके हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद सरकार काम कर रही है.

दिल्ली में तय समय से पहले विधानसभा चुनाव की हलचल

जनता के प्रति आम आदमी पार्टी समर्पित है. विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से मैदान में उतरेगी. बीजेपी भी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में होने से बीजेपी को चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है. बीजेपी के विधायकों ने आज प्रेस कांफ्रेस की. उन्होंने कहा कि वित्तीय अनियमिताओं के खिलाफ ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा जायेगा.

बीजेपी और आम आदमी पार्टी में आरोप प्रत्यारोप का दौर

विधायक असंग महावर ने आम आदमी पार्टी के आरोप पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने जमानत पर जेल से बाहर आकर प्रचार किया था. दिल्ली में लोकसभा चुनाव आप और कांग्रेस मिलकर लड़ रही थी. इसके बावजूद दिल्ली में इंडिया गठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया. अजय महावर ने कहा कि दिल्ली की जनता अब समझ चुकी है, इसलिये आम आदमी पार्टी की हार तय है.

बताया जा रहा है कि अगर अभी भी चुनाव आयोग अपनी तैयारियां शुरू करे तब भी दिसंबर तक चुनाव कराए जा सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस समेत आप और बीजेपी के सामने अलग-अलग चुनौतियां रहेंगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित शराब नीति मामले में बंद हैं. आम आदमी पार्टी के लिए अरविंद केजरीवाल संकटमोचक भी हैं. अरविंद केजरीवाल के भरोसे आप दिल्ली में जीत की हैट्रिक लगा पाई है.

ऐसे में गैर मौजूदगी आम आदमी पार्टी को बुरी तरह खल रही है. वहीं, 26 साल से सत्ता में वापसी का सपना संजोए बैठी बीजेपी के पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा तलाशना बड़ी चुनौती है. 2020 का चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर लड़ने के बावजूद बीजेपी निराशा हाथ लगी थी. कांग्रेस के सामने भी दिल्ली में मजबूत संगठन और बड़े चेहरे की कमी है. कमियों को दूर कर विधानसभा चुनाव में बीजेपी और आप के लिये कांग्रेस मुश्किल खड़ी कर सकती है.

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