MonkeyPox Virus: दुनिया में बढ़ते मंकी पॉक्स के खतरे को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है. अब इसको लेकर भारत भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर है. राजधानी दिल्ली में मंकी पॉक्स की आशंका के मद्देनजर केंद्र सरकार के सरकारी अस्पतालों से लेकर दिल्ली सरकार के बड़े सरकारी अस्पतालों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
इसी कड़ी में सफदरजंग अस्पताल में मंकी पॉक्स के मरीजों के लिए सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के छठी मंजिल पर एक आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है. छह कमरों वाले इस आइसोलेशन वार्ड के लिए अस्पताल प्रशासन ने गाइडलाइन भी जारी की है. गाइडलाइन के अनुसार आइसोलेशन वार्ड में तैनात सभी कर्मियों के लिए पीपीई किट पहनना अनिवार्य होगा.
इसके अलावा मंकी पॉक्स से संक्रमित मरीजों को सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की छठी मंजिल के छह कमरों P4, P6, P8, P9, P10 और P11 में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में ही रखा जाएगा. यहां मरीजों का ब्लड, स्किन और यूरिन का सैंपल लेने के साथ इलाज भी किया जाएगा. वहीं संक्रमित मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए फ्री ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी.
अस्पताल प्रशासन ने उन डॉक्टरों के नाम और नंबर भी जारी किए हैं, जिनसे मंकी पॉक्स होने का संदेह होने पर संपर्क किया जा सकता है. स्किन रोग विशेषज्ञ और नोडल अधिकारी डॉक्टर सुश्रुत कथूरिया ने बताया कि मंकी पॉक्स संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. इस दौरान ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मी पीपीई किट में होंगे.
मंकी पॉक्स संक्रमण फैलने का कारण
उन्होंने कहा कि संक्रमण किसी संक्रमित व्यक्ति के आस-पास होने या असुरक्षित शारीरिक संपर्क के साथ यौन संपर्क के माध्यम से फैल सकता है. यह देखभाल करने वालों के माध्यम से भी फैल सकता है, जो व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों का उपयोग नहीं कर रहे हैं. डॉक्टर सुश्रुत ने बताया कि मंकी पॉक्स से निपटने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गई है.
मंकी पॉक्स के लक्षण
इससे मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीजों की पहचान होने पर उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा सके. उन्होंने बताया कि मंकी पॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द, स्किन पर लाल चकत्ते, फफोले, गले या शरीर के अलग-अलग हिस्सों में सूजन होने जैसे लक्षण शामिल हैं.