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Paralympics 2024: बचपन में चलने को हुईं मोहताज, पैदा होते ही पैरों पर प्लास्टर’, अब 2 मेडल जीत रच दिया इतिहास

Paralympics 2024

Who Is Preeti Pal: पेरिस पैरालंपिक में भारत की पैरा खिलाड़ी प्रीति पाल ने इतिहास रच दिया. इस मेगा इवेंट में प्रीति पाल ने 2 मेडल जीते. पिछले दिनों प्रीति पाल ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 30.01 सेकेंड में दौड़ पूरी की. इस तरह उन्होंने दूसरा मेडल जीता. प्रीति पाल ने महिलाओं की टी 35 वर्ग की 100 मीटर स्पर्धा में 14.21 सेकेंड के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय से ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. इससे पहले  प्रीति पाल ने मई महीने में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

लेकिन क्या आप जानते हैं प्रीति पाल का जीवन मुश्किलों से भरा रहा है. इस खिलाड़ी ने अपनी जिंदगी में तमाम मुश्किलों को देखा है. दरअसल, मूल रूप से प्रीति पाल मुजफरनगर जिले की रहने वाली हैं और वर्तमान में प्रीति पाल के दादा-दादी और चाचा-चाची मेरठ जिले के गांव कसेरू बक्सर में रहते हैं. प्रीति पाल के दादाजी ने बताया कि परिवार मुजफ्फरनगर में है. वह क्योंकि पी डब्लूडी विभाग में सेवारत हैं, इसलिए यहीं रहते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बच्ची ने बहुत संघर्ष किया है, जब प्रीति महज 6 दिन की थीं तभी उनकी दोनों टांगों पर प्लास्टर चढ़ गया था. क्योंकि बच्ची की टांगों में समस्या थी. लगभग 8 वर्ष की उम्र तक मासूम बच्ची के तौर पर प्रीति ने बहुत कुछ झेला है.

बताते चलें कि प्रीति पाल के दादाजी ऋषिपाल सिंह वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में मेरठ में कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि बचपन में ही यह पता चल गया था कि प्रीति को कई गंभीर समस्या हैं. प्रीति की दादी मां सरोजदेवी ने बताया कि क्योंकि वह गांव की रहने वाली हैं. गांव में जब भी ग्रहण पड़ता तो अपनी पोत्री को सुरक्षित रखने के लिए उसके प्रकोप से बचाने के लिए आधे शरीर को कभी मिट्टी में दबाते तो कभी किसी के द्वारा बताए जाने पर गोबर में दबाया करते थे.

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