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क्या हवा के जरिए भी फैल रहा है मंकीपॉक्स वायरस? जानें कोरोना से कितनी अलग है ये बीमारी

मंकीपॉक्स वायरस?

एमपॉक्स को WHO ने ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 के विपरीत, एमपॉक्स वायरस (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) आसानी से हवा के माध्यम से नहीं फैलता है. एमपॉक्स, जो मंकीपॉक्स वायरस (ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित एक जूनोटिक वायरस) के कारण होता है, मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के निकट संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.

एमपॉक्स हवा में नहीं फैलता है

एमपॉक्स के वैश्विक प्रकोप के बीच, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट बताती है कि कोविड-19 के विपरीत, एमपॉक्स वायरस (जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था) आसानी से हवा के माध्यम से नहीं फैलता है. एमपॉक्स, जो मंकीपॉक्स वायरस (ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित एक जूनोटिक वायरस) के कारण होता है, मुख्य रूप से त्वचा से त्वचा के निकट संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है.

हालांकि, डब्ल्यूएचओ के शोधकर्ताओं का कहना है कि अलग-अलग परिस्थितियों में प्रकोप के दौरान एमपॉक्स कैसे फैलता है, इस पर और अधिक शोध की आवश्यकता है. एमपॉक्स का मुख्य लक्षण त्वचा पर दाने हैं जो मवाद से भरे घावों में बदल जाते हैं, जो दो से चार सप्ताह तक रह सकते हैं. बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में खराश और खांसी, और लिम्फैडेनोपैथी (सूजे हुए लिम्फ नोड्स) शामिल हैं. एमपॉक्स से पीड़ित लोगों को तब तक संक्रामक माना जाता है जब तक कि उनके सभी घावों पर पपड़ी न जम जाए, पपड़ी गिर न जाए और नीचे त्वचा की एक नई परत न बन जाए, और आंखों और शरीर (मुंह, गले, आंखों, योनि और गुदा) पर सभी घाव भी ठीक न हो जाएं. एमपॉक्स के प्रकार के आधार पर त्वचा पर दाने अलग-अलग हो सकते हैं.

 

कोरोनावायरस और मंकीपॉक्स एक दूसरे हैं अलग?

कोरोनावायरस से बचने के लिए जिस तरीके से सावधानियां बरतने के लिए कही जा रही थी. ठीक उसी तरह मंकीपॉक्स से भी बचने के लिए सरकार की तरफ से कई गाइडलाइन जारी किए गए हैं. दोनों बीमारी एक जैसे लोगों को कन्फ्यूजन हो  सकता है लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह दोनों अलग-अलग वायरस हैं.

1. मंकीप़क्स बनाम कोरोना वायरस में है अंतर

दोनों बीमारी के वायरस एक दूसरे हैं काफी ज्यादा अलग. कोरोना वायरस SARS-COV-2 के कारण होता है वहीं मंकीप़क्स का वायरस Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्सवायरस है. Variola Virus भी इसी फैमिली का है. जिसमें चेचक होता है. SARS-COV-2 यह पूरी तरह से नया वायरस है. जो 2019 के आखिरी सालों से फैलना शुरू हुआ. जबकि मंकीपॉक्स दशकों से हमारे बीच मौजूद है. वह कभी कम या ज्यादा इसके केस दिखते रहते हैं.

कोरोना बनाम मंकीपॉक्स के लक्षण

शुरुआत में मंकीपॉक्स और कोरोना के लक्षण सामान्य दिख सकते हैं. लेकिन आपको बता दें कि यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग है.

 

मंकीपॉक्स के लक्षण:

तेज बुखार, स्किन पर चकत्ते निकलना, चेहरे से शुरू होकर हाथ में फैलना, हथेलियों औऱ तलवों पर दिखना.
सूजे हुए लिम्फ नोड और शरीर में गांठ पड़ना
सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट होना
गले में खराश और बार-बार खांसी आना

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