MCD Standing Committee Election: चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे ‘आप’ पार्षद, मेयर बोलीं- ऐसी तानाशाही नहीं चलेगी
दिल्ली नगर निगम (MCD) के स्थायी समिति के सदस्य के चुनाव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ‘आप’ (AAP) के पार्षदों ने चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। वहीं, दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है।
मेयर का आरोप: ‘तानाशाही नहीं चलेगी’
मेयर शेली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को पत्र लिखते हुए उनके द्वारा घोषित स्थायी समिति के सदस्य चुनाव को ‘अवैध’ करार दिया है। उन्होंने 5 अक्टूबर को चुनाव कराने का निर्देश दिया है। मेयर का कहना है कि कमिश्नर के फैसले के खिलाफ वे अपनी आवाज़ बुलंद करेंगी और किसी भी प्रकार की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कमिश्नर का आदेश: 27 सितंबर को चुनाव
एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने 27 सितंबर को दोपहर 1 बजे स्थायी समिति के सदस्य का चुनाव कराने का आदेश जारी किया था। यह निर्णय दिल्ली सरकार, मेयर और राजनिवास के बीच चल रहे टकराव के बाद एलजी के निर्देश पर लिया गया है। चुनाव को लेकर जारी इस असमंजस के बीच अब एमसीडी में राजनैतिक उठापटक और तेज हो गई है।
‘आप’ का बहिष्कार
‘आप’ पार्षदों ने एमसीडी के स्थायी समिति के चुनाव में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। उनका आरोप है कि चुनाव को लेकर पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है और इसे जबरदस्ती थोपा जा रहा है।
चुनाव का महत्व
स्थायी समिति एमसीडी की एक प्रमुख इकाई है जो नगर निगम की विभिन्न नीतियों, वित्तीय प्रबंधन और प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करती है। इसका चुनाव हर वर्ष किया जाता है और समिति के सदस्यों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है।